Loan Kya Hai. Apne Financial Future Ko Strong Banaye Aur Smart Loans Ke Benefits Jane.

Loan Kya Hai. Apne Financial Future Ko Strong Banaye Aur Smart Loans Ke Benefits Jane. जब कोई व्यक्ति अपनी जरूरतों के लिए बैंक या किसी अन्य संस्थाओं से पैसे उधार लेता है। तो उस व्यक्ति द्वारा लिए गए ऋण( उधार ) को ही लोन(Loan) कहते है। वह व्यक्ति जो ऋण लेता है। उसे एक निश्चित समय अंतराल में ही उस ऋण को व्याज सहित वापस करना होता है। तो आइये जानते है। की लोन क्या होता है।

Loan Kya Hai. 

लोन वह धनराशि है। जो आप को बैंक या किसी अन्य वित्तीय संस्था के द्वारा आप को एक नियमित समय के लिए दिया जाता है। जिससे आप को उस समय के अंदर ब्याज सहित लौटना होता है। परंतु ऋणदाता जो ऋण देने वाले है। वे उधारदाता की आय व उसके बैकग्राउंड के में पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के पश्चात ही उस व्यक्ति को ऋण मिलता है।

लोन लेने के लाभ। 

वह व्यक्ति जिसका क्रेडिट स्कोर व अच्छी री-पेमेंट होती है। ऐसे आवेदक को बैंक कम ब्याज पर लोन उपलब्ध कराता है। इसका उपयोग आप अपने मेडिकल खर्चों में या आवश्यक सामान की खरीद में इस्तेमाल कर सकते है।

लोन लेने की हानि।

लोन के लाभ होने के साथ-साथ इसकी हानि भी है। जैसे अगर आप बैंक से लोन लेना है।  तो बैंक आपकी संपत्ति को गिरवी रखवाता है। सिक्योरिटी के तौर पर और अगर आप लोन को चुकाने में आ सफल होते है। तो बैंक आपकी गिरवी रखी हुई। संपत्ति की नीलामी करके मूल धनराशि को प्राप्त करता है। और इससे आप के क्रेडिट स्कोर पैर फर्क पड़ता है। 

लोन कितने प्रकार के होते है। 

लोन कई प्रकार के होते है। जैसे –

  1. सुरक्षित लोन ( security loan )-

सुरक्षित लोन एक प्रकार का कर्ज है। इस कर्ज को लेने के लिए आप को कोई वस्तु को गिरवी रखना पड़ता है। जैसे – घर, जमीन, गहने आदि। और अगर आप लोन नहीं चुकाते है।  तो कंपनी के पास इन वस्तुओं को जब्त करने के राइट्स होते है। 

  1. गोल्ड लोन ( gold loan )- 

इस लोन को लेने के लिये आप को सोने के आभूषण, गहने आदि को गिरवी रखना पड़ता है। जिससे आप को लोन मिलता है। इस लोन की ब्याज दर असुरक्षित लोन से कम होती है। इसके स्थान पर आप डिजिटल गोल्ड का भी इस्तेमाल कर सकते है।

    3. संपत्ति पर लोन ( loan against property )-

        यह लोन के लिए आप को अपनी संपत्ति, घर, प्लाट, दुकान आदि को गिरवी रखना       

         पड़ता है। जिसके स्थान पर आपको लोन प्राप्त होता है। परन्तु इस संपत्ति की कीमत   

         बैंक के द्वारा 70-80% तक की कीमत में ही गिरवी रखे जाते है।

    4. होम लोन ( Home loan )-

          होम लोन एक प्रकार का सुरक्षित लोन है। जिस का प्रयोग आप अपने मन पसंद घर    

          बनाने या लेन की अनुमति देता है। ये भारत में तीन प्रकार होम लोन दिए जाते है। 

  • या तो आपको घर बनाने के लिए आवश्यकता होगी। 
  • या आपको घर बनाने के लिए जमीन खरीदने के लिए लोन की आवश्यकता होगी।
  • या अपने पुराने घर को नया बनाने के लिए लोन की आवश्यकता होगी।

व्यवसाय लोन

ये लोन एक व्यापारी की जरूरतों को पूरा करने में उपयोगी है। इस लोन का उपयोग व्यापारी कई जगह जैसे की अपने व्यापार को आगे बढ़ाने में, नई शाखा खोलने में, उपकरण खरीदने में, कर्मचारियों की पेमेंट करने में तथा व्यवसायिक ऋणो का भुगतान करने में आदि। 

 असुरक्षित लोन 

वे संस्था जो बिना किसी भी वस्तु को गिरवी रखे। लोन ( ऋण ) उपलब्ध कराती है। ऐसी संस्था असुरक्षित लोन के अंतर्गत आती है। यह भिन्न बातो पर निर्भर करता है। जैसे आप के क्रेडिट कार्ड स्कोर पर व अन्य बातों पर निर्भर करता है। लेकिन अन्य ऋण( कर्ज )  मुकाबले। भारत में इस प्रकार के ऋण की ब्याज दर अधिक होती है। 

पर्सनल लोन 

पर्सनल लोन एक असुरक्षित लोन है। जोकि आप को नगद लोन उपलब्ध कराता है। परन्तु इस लोन की ब्याज दर अधिक होती है। क्योंकि ये एक असुरक्षित लोन है। इसी कारण से इसकी ब्याज दर अधिक होती है। लेकिन अगर आप के पास एक अच्छा क्रेडिट कार्ड स्कोर है। और उस व्यक्ति की उच्च आय है। व आय का एक अच्छा स्रोत है। तो आप ये ऋण कम ब्याज दर पर ले सकते है।

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सबसे अच्छे लोन देने वाली कंपनी कौन सी है।

बैंक/संस्थान  ब्याज दर ( प्रति वर्ष )
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया 11.15% से 15.30% 
HDFC बैंक 10.50% से शुरू  
पंजाब नेशनल बैंक 10.40% से 16.95%
ICICI बैंक 10.80 से शुरू 
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FAQ 

लोन धारक की अगर मृत्यु हो जाये तो क्या होता है।

अगर कोई व्यक्ति पर्सनल लोन लेता है। और उसकी मृत्यु हो जाती है। तो ऐसे में उस व्यक्ति का लोन माफ कर दिया जाता है। और अगर दो व्यक्ति एक साथ लोन लेते है। तथा पहले व्यक्ति की मृत्यु हो जाये। तो ऐसे में दुसरे व्यक्ति को पूरा लोन चुकाना पड़ेगा। 

लोन राइट ऑफ़ और माफ करने का क्या मतलब होता है।

इसका मतलब है। ऋणदाता द्वारा ऋण वसूली को पूरी तरह से माफ कर दिया जाता है।इसका अर्थ ये नहीं है। की बैंक आप के ऋण को पूरी तरह से माफ कर देता है। बल्कि इसके बाद बैंक आप पर कोई भी क़ानूनी कारवाही नहीं कर सकता।

लोन न चुकाने पर क्या होगा।

यदि आपका लोन चुकाने के लिए दिया हुआ चेक बाउंस हो जाता है। तो बैंक आपके खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज कर सकता है। जिससे आप को जेल भी हो सकती है। तथा लोन चुकाने की तारीख के 180 दिनों के बाद भी आप लोन नहीं चुकाते है। तो संस्था आप के खिलाफ सिविल मुकदमा दर्ज कर सकती है। जिससे संस्था अपने पुरे लोन की रिकवरी कर लेगी है।

लोन सेटलमेंट कैसे की जाती है।

लोन सेटलमेंट के लिए ग्राहक बैंक या वित्तीय संस्था में संपर्क कर सकता है। अधिकतर लॉन्स में खुद ही लोन सेटलमेंट का प्रस्ताव रखता है। ऐसा बैंक लम्बे समय से कर्ज में डूबे हुए। कुछ हिस्सों की रिकवरी के लिए करता है।

अगर लोन वाले परेशान करे तो क्या करे।             

अगर कोई भी लोन रिकवरी वाले आप को परेशान करते है। तो आप इसकी शिकायत पुलिस स्टेशन में कर सकते है।

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